राही बदल गए
शनिवार, 26 जून 2010
तन्हा दिल
तुम्हारे साथ भी तन्हा हूं तुम ना समझोगे
मैं अपने ख्वाब का साया हूं तुम ना समझोगे
चुरा कर आंख...मिलाती हो तुम नजर जिससे
मैं आइने का वो चेहरा हूं तुम ना समझोगे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
akhlaque.sifer.blogspot.com
दुनियाभर में..
मेरी आवाज सुनो
Feedjit Live Blog Stats
मेरे बारे में
Syed Akhlaque Abdullah
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
साथी.. जो साथ चले
ब्लॉगर्स की चिंगारी
उड़न तश्तरी ....
वादा किया वो कोई और था, वोट मांगने वाला कोई और
9 महीने पहले
Rhythm of words...
जख्म....
7 वर्ष पहले
अर्ज़ है...
अबकी बार खुले में शौच पर वार
9 वर्ष पहले
कस्बा qasba
जय श्रीराम
11 वर्ष पहले
मन का पाखी
ख़ामोश इल्तिज़ा
12 वर्ष पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें