शनिवार, 26 जून 2010

ये दूरियां...



पल में दूरी हो जाती है जात अधूरी हो जाती है


आंखों में नींद आती नहीं रात पूरी हो जाती है


पहले तो होती है चाहत फिर मजबूरी हो जाती है


कुछ लोगों की लम्हें भर में ख्वाहिश पूरी हो जाती है


हद से प्यार गुजर जाए तो अक्सर दूरी हो जाती है

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बेहतरीन!!

Syed Akhlaque Abdullah ने कहा…

वाकई.. ये दूरी सही जाए न..