राही बदल गए
रविवार, 15 मई 2011
जाने कौन
सदियों
-सदियों वही तमाशा रस्ता-रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते है खो जाते है जाने कौन
किरन-किरन अलसाता सूरज पलक-पलक खुलती नींद
धीमे-धीमे बिखर रहा है जरा-जरा जाने कौन
मुंह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
akhlaque.sifer.blogspot.com
दुनियाभर में..
मेरी आवाज सुनो
Feedjit Live Blog Stats
मेरे बारे में
Syed Akhlaque Abdullah
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
साथी.. जो साथ चले
ब्लॉगर्स की चिंगारी
उड़न तश्तरी ....
वादा किया वो कोई और था, वोट मांगने वाला कोई और
9 महीने पहले
Rhythm of words...
जख्म....
7 वर्ष पहले
अर्ज़ है...
अबकी बार खुले में शौच पर वार
9 वर्ष पहले
कस्बा qasba
जय श्रीराम
11 वर्ष पहले
मन का पाखी
ख़ामोश इल्तिज़ा
12 वर्ष पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें